कंप्यूटर के विकास की पीढिया
First Generation:-
वैक्यूम टूयूब्स (1940 - 1956) : इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम टूयूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई | ये टूयूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.
उदाहरण-ENIAC,UNIVAC,MARK-1,
उदा .-IBM1602 ,IBM7094
First Generation:-
वैक्यूम टूयूब्स (1940 - 1956) : इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम टूयूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई | ये टूयूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.
उदाहरण-ENIAC,UNIVAC,MARK-1,
second Genration(1956-1965)
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांसिस्टर का आविष्कार हुआ और इसका उपयोग अब कंप्यूटर में किया जाने लगा. ये ट्रांसिस्टर Vaccum Tube की अपेक्षा अधिक सक्षम थे तथा इनका आकार भी उनकी अपेक्षा काफी छोटा था. इसकी क्षमता अधिक थी और अब कंप्यूटर तेजी से काम करता था. अब पहली पीढ़ी की तुलना में कंप्यूटर छोटा बनने लगा तथा या तेजी से काम भी करने लगा.उदा .-IBM1602 ,IBM7094
Third genration 1965-1975 )
इस अवधि के कंप्यूटरो का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा ! जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका ! इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.
उदा -IBM360
Fourth genration (1975-1990)
चोथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया ! वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एकल चिप हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे.ये छोटे कंप्यूटर काफी ताकतवर होते हैं। वे आज एक-साथ नेटवर्क को जोड़ सकते हैं जो अंततः इंटरनेट के विकास में काम आए। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर ने माउस, जीयूआई और हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरणों का भी विकास किया।
Fifth genration (1990-today)
पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर उपकरण जो कृत्रिम बुद्धि पर आधारित हैं, अब भी विकास की प्रक्रिया में है, हालांकि कुछ उपकरण जैसे आवाज की पहचान (वॉयस रिकॉगनिशन) आज इस्तेमाल किये जा रहे हैं। सुपर कंडक्टर और पैरेलल प्रॉसेसिंग, कृत्रिम बुद्धि को वास्तविकता में बदलने में सहायता कर रहे हैं। परिमाण संगणन (क्वांटम कंप्यूटेशन) और मॉलेक्यूलर व नैनोटेक्नॉलॉजी आनेवाले वर्षों में कंप्यूटर का चेहरा पूरी तरह बदल देगा। पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का लक्ष्य ऐसे उपकरणों का विकास करना है जो प्राकृतिक लैंग्वेज इनपुट से संचालित हो सकते हैं और वह स्व-संगठन (सेल्फ-ऑर्गैनाइजेशन) और सीखने के लायक है।
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