नीति आयोग
नीति आयोग
1 जनवरी, 2015 को भारत सरकार ने योजना
आयोग के स्थान पर नेशनल इन्स्टीच्यूट फॉर ट्रांसफार्मिंग इण्डिया (NITI) या नीति आयोग के गठन की
घोषाणा की। योजना आयोग की तरह नीति आयोग का गठन भी केंद्रीय मंत्रीमंडल के निर्णय
से हुआ है। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष होंगे तथा नीति आयोग के एक
उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा होगी। इसके पांच पूर्णकालिक तथा दो
अंशकालिक सदस्य होंगे जिनकी नियुक्ति सरकार करेगी। इनका चयन विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों तथा अन्य
संगठनों से आवर्तक आधार पर होगी। चार केंद्रीय मंत्री इसके पदेन सदस्य होंगे
देगा।
योजना आयोग और निति आयोग में मूलभूत अंतर है कि इससे केंद्र से राज्यों की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीतिगत क्रम को एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रुप में राज्यों की वास्तविक और सतत भागीदारी से बदल दिया जाएगा।
देगा।
योजना आयोग और निति आयोग में मूलभूत अंतर है कि इससे केंद्र से राज्यों की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीतिगत क्रम को एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रुप में राज्यों की वास्तविक और सतत भागीदारी से बदल दिया जाएगा।
नीति आयोग ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना
तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करेगा और इसे उत्तरोत्तर उच्च स्तर तक पहुंचाएगा।
आयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनरों तथा अन्य हितधारकों के सहयोगात्मक समुदाय के जरिए ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता सहायक प्रणाली बनाएगा। इसके अतिरिक्त आयोग कार्यक्रमों और नीतियों
के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर
पद
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नाम
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उपाध्यक्ष
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श्री अरविंद पणगरिया, अर्थशास्त्री
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मुख्य कार्यकारी
अधिकारी (CEO)
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अमिताभ कांत
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पूर्णकालिक सदस्य
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श्री बिबेक देबरॉय, अर्थशास्त्री
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डॉ॰ वी. के.
सारस्वत,
पूर्व सचिव
रक्षा आरएंडडी
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पदेन सदस्य
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श्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री
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श्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री
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श्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय मंत्री
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श्री राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री
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विशेष आमंत्रित
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श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री
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श्री थावर चंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री
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श्रीमती स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री
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